13 पावरफुल हनुमान मंत्र | Powerful Hanuman Mantra - Hanuman Chalisa Lyrics

13 पावरफुल हनुमान मंत्र | Powerful Hanuman Mantra

इस लेखन में हमने 13 पावरफुल हनुमान मंत्र का उल्लेख किया है और सभी की पीडीएफ भी नीचे दी गई है साथ में हमने हनुमान जी की पूजा करते वक्त बोले जाने वाले नव अलग-अलग मंत्रो का FAQ’s तैयार किया है। इस मंत्र को सुबह 12 या 21 बार जाप करना है शनिवार या  मंगलवार को यह मंत्र का पाठ लाभदाई होगा।। इस आर्टिकल में सभी मंत्र है जो आप डेली सर्च करते होंगे जैसे की हनुमान गायत्री मंत्र, बिज मंत्र, धन प्राप्ति मंत्र, कार्य सिद्धि मंत्र, रोग मुक्ति मंत्र जैसे सभी Powerful Hanuman Mantra का सारांश यही दिया है।

Table of Contents

 

हनुमान मूल मंत्र

ॐ श्री हनुमते नमः ॥

पावरफुल हनुमान मंत्र
पावरफुल हनुमान मंत्र

 

हनुमान गायत्री मंत्र

आञ्जनेयाय विद्महे वायुपुत्राय धीमहि।

तन्नो हनुमत् प्रचोदयात् ॥

 

मनोजवं मारुततुल्यवेगम मंत्र

मनोजवम् मारुततुल्यवेगम् जितेन्द्रियम् बुद्धिमताम् वरिष्ठम् ।

वातात्मजम् वानरयूथमुख्यम् श्रीरामदूतम् शरणम् प्रपद्ये ॥

 

हनुमान अष्टदशाक्षर मंत्र

नमो भगवते आन्जनेयाये महाबलाये स्वाहा ।

 

हनुमान बीज मंत्र

ॐ ऐं भ्रीम हनुमते, श्री राम दूताय नमः

मनोजवं मारुतुल्यवेगं जितेंद्रियं बुद्धिमतां वरिष्ठम्. वातात्मजं वानरयूथमुख्यं श्रीरामदूतं शरणं प्रपद्ये ।

अतुलित बलधामं, हेमशैलाभदेहमं. दनुजवनकृशानं, ज्ञानिनामग्रगण्यम् |

सकलगुण निधानं, वानराणामधीशम्, रघुपतिप्रिय भक्तं वातजातम् नमामि.|

ओम नमो हनुमते रुद्रावतराय वज्रदेहाय वज्रनखाय वज्रसुखाय वज्ररोम्णे वज्रनेत्राय वज्रदंताय वज्रकराय वज्रभक्ताय रामदूताय स्वाहा

ओम नमो हनुमते रुद्रावताराय सर्वशत्रुसहांरणाय सर्वरोगाय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा ।

 

 

प्रेत सिद्धि मंत्र

ॐ दक्षिणमुखाय पच्चमुख हनुमते करालबदनाय नारसिंहाय

ॐ हां हीं हूं हौं हः सकलभीतप्रेतदमनाय स्वाहाः।

प्रनवउं पवनकुमार खल बन पावक ग्यानधन।

जासु हृदय आगार बसिंह राम सर चाप घर।।

 

शत्रु नाशक हनुमान मंत्र

ॐ पूर्वकपिमुखाय पच्चमुख हनुमते

टं टंटंटंटं सकल शत्रु सहरणाय स्वाहा।

 

Hanuman Raksha Mantra

अज्जनागर्भ सम्भूत कपीन्द्र सचिवोत्तम।

रामप्रिय नमस्तुभ्यं हनुमन् रक्ष सर्वदा ।।

 

मुकदमा जीतने का हनुमान मंत्र

पवन तनय बल पवन समाना।

बुधि बिबेक बिग्यान निधाना।।

 

धन प्राप्ति के लिए हनुमान मंत्र

मर्कटेश महोत्साह सर्वशोक विनाशन ।

शत्रून संहर मां रक्षा श्रियं दापय मे प्रभो।।

 

कार्य सिद्धि हनुमान मंत्र

ॐ हनुमते नमः

 

हनुमान रोग मुक्ति मंत्र

हनुमान अंगद रन गाजे। हांके सुनकृत रजनीचर भाजे ।।

नासे रोग हरै सब पीरा। जो सुमिरै हनुमत बल बीरा।।

 

हनुमान जी को बुलाने का मंत्र

सुमिरि पवन सुत पावन नामू।

अपने बस करि राखे रामू ।।

 

हनुमान क्षमा प्रार्थना मंत्र

मन्त्रहीनं क्रियाहीनं भक्तिहीनं कपीश्वर ।

यत्पूजितं मया देव! परिपूर्ण तदस्तु मे ॥

 

पावरफुल हनुमान मंत्र की PDF 
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Disclaimer

इस लेख में दी गई सभी Powerful Hanuman Mantra की जानकारी सटीकता या विश्वास्नीयता की कोई गारंटी नहीं है यह सिर्फ जानकारी प्रदान करती है और जानकारी के लिए डिस्क्लेमर पढ़िये। More Read …

FAQ’s

 

हनुमानजी की पूजा में इस मंत्र को पढ़ते हुए सुवर्णपुष्प समर्पण करना चाहिए:

वायुपुत्र ! नमस्तुभ्यं पुष्पं सौवर्णकं प्रियम् ।

पूजयिष्यामि ते मूर्ध्नि नवरत्न – समुज्जलम् ||

 

हनुमानजी की पूजा में इस मंत्र को पढ़ते हुए उन्हें ऋतुफल समर्पण करना चाहिए:

फ़लं नानाविधं स्वादु पक्वं शुद्धं सुशोभितम् ।

समर्पितं मया देव गृह्यतां कपिनायक ॥

इस मंत्र को पढ़ते हुए पवनपुत्र हनुमानजी को सिन्दूर समर्पण करना चाहिए:

दिव्यनागसमुद्भुतं सर्वमंगलारकम् ।

तैलाभ्यंगयिष्यामि सिन्दूरं गृह्यतां प्रभो ॥

 

अंजनीपुत्र हनुमान की पूजा करते समय इस मंत्र के द्वारा उन्हें पुष्पमाला समर्पण करना चाहिए:

नीलोत्पलैः कोकनदैः कलारैः कमलैरपि ।

कुमुदैः पुण्डरीकैस्त्वां पूजयामि कपीश्वर ||

 

हनुमानजी की पूजा करते समय इस मंत्र के द्वारा उन्हें पंचामत समर्पण करना चाहिए:

मध्वाज्य – क्षीर – दधिभिः सगुडैर्मन्त्रसन्युतैः ।

पन्चामृतैः पृथक् स्नानैः सिन्चामि त्वां कपीश्वर ॥

 

मारूतिनंदन की पूजा में इस मंत्र के द्वारा उन्हें अर्घ्य समर्पण करना चाहिए:

कुसुमा-क्षत-सम्मिश्रं गृह्यतां कपिपुन्नाव ।

दास्यामि ते अन्जनीपुत्र । स्वमर्थ्यं रत्नसंयुतम् ||

 

इस मंत्र को पढ़ते हुए अंजनीपुत्र हनुमानजी को पाद्य समर्पण करना चाहिए:

सुवर्णकलशानीतं सुष्ठु वासितमादरात् ।

पाद्योः पाद्यमनघं प्रतिफ़गृह्ण प्रसीद मे ॥

 

हनुमानजी की पूजा के दौरान इस मंत्र को पढ़ते हुए उन्हें आसन समर्पण करना चाहिए:

नवरत्नमयं दिव्यं चतुरस्त्रमनुत्तमम् ।

सौवर्णमासनं तुभ्यं कल्पये कपिनायक ॥

 

इस मंत्र को पढ़ते हुए पवनपुत्र हनुमानजी का आवाहन करना चाहिए:

श्रीरामचरणाम्भोज-युगल-स्थिरमानसम् ।

आवाहयामि वरदं हनुमन्तमभीष्टदम् ||

 

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