Sawan Somvar Aarti Lyrics | श्रावण सोमवार आरती

Sawan Somvar Aarti Lyrics | श्रावण सोमवार आरती

हिंदू धर्म में भगवान शिव की पूजा-आराधना विशेष रूप से की जाती है। भगवान शिव के भक्तों के लिए सावन का महीना बहुत ही पावन होता है। सोमवार के दिन भगवान Shiv Ji Ki Aarti-पूजा करने से विशेष फल प्राप्त होते हैं। महादेव को प्रसन्न करने के लिए लोग तरह-तरह के जतन करते हैं। आइए तो करते है पाठ  Sawan Somvar Aarti Lyrics का  जिनके बिना महादेव की पूजा अधूरी मानी जाती है…

Sawan Somvar Ki Aarti

 

आरती करत जनक कर जोरे।

बड़े भाग्य रामजी घर आए मोरे ॥

जीत स्वयंवर धनुष चढ़ाए।

सब भूपन के गर्व मिटाए॥

तोरि पिनाक किए दुइ खंडा।

रघुकुल हर्ष रावण मन शंका ॥

आई सिय लिए संग सहेली।

हरषि निरख वरमाला मेली ॥

गज मोतियन के चौक पुराए।

कनक कलश भरि मंगल गाए ॥

कंचन थार कपूर की बाती।

सुर नर मुनि जन आए बराती ॥

फिरत भांवरी बाजा बाजे ।

सिया सहित रघुबीर विराजे ॥

धनि-धनि राम लखन दोउ भाई।

धनि दशरथ कौशल्या माई॥

राजा दशरथ जनक विदेही।

भरत शत्रुघन परम सनेही ॥

मिथिलापुर में बजत बधाई।

दास मुरारी स्वामी आरती गाई॥

 

Somvar Vrat Aarti

 

 हर हर हर महादेव की आरती

शिव आरती “ॐ जय शिव ओंकारा”

 

Sawan somvar aarti lyrics

 

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